गोवेर्धन कि पूजा हिन्दुओ में विशेष मान्यता रखती HAI. क्योंकि कृषण भगवन ने इस दिन गोवेर्धन पहाड़ को अपनी एक ऊँगली से उठाकर ब्रज वासियो कि जान बचायी THI. इसे उपलक्षय में ये त्यौहार मनाया जाता HAI. इस त्यौहार को शाम को मनाया जाता HAI. दिन में गोवेर्धन कि झांकी के रूप में गोवेर्धन का रूप गोबर से घर में बनाया जाता HAI. फिर शाम को उन्हें उठाया जाता HAI. फिर पूजा कि जाता HAI. थैंक्स बोलो गोवर्ड्न महाराज कि JAI.
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